भगवान को कौन प्रिय है
द्वेषभाव रहित
स्वार्थ रहित
दयालू
अहंकार से रहित
सुख-दुख में सम
क्षमावान
निरंतर संतुष्ट
मन, इंद्रियों, शरीर पर नियंत्रण
दृढ़ निश्चयी
मन बुद्धि भगवान में अर्पण करने वाला
किसी को तनाव ना देने वाला
किसी से तनाव ना लेने वाला
किसी से तनाव ना लेने वाला
हर्ष, भय जलन और उद्वेग से रहित
आकांक्षा से रहित
बाहर भीतर से शुद्ध
चतुर
पक्षपात रहित
त्यागी
हर्ष, द्वेष, शोक कामना से रहित
शुभ अशुभ कर्मों का त्यागी
भक्ति युक्त
शत्रु-मित्र, मान अपमान में सम
सर्दी-गर्मी और सुख दुख में सम
आसक्ति रहित
निंदा व स्तुति को समान समझने वाला
मननशील
किसी भी प्रकार शरीर के निर्वाह में संतुष्ट
रहने के स्थान में आसक्ति रहित
स्थिर बुद्धि इत्यादी ॰॰॰॰॰
बृजमोहन बिस्सा 27-10-2010
अतिसुंदर ॰॰॰ आपका अध्ययन वाकई आत्मविश्वास बढ़ाने वाला है ॰॰॰॰ निरंतरता की आपसे अपेक्षा रहेगी ॰॰॰ शुभकामनायें
ReplyDeletetau ji bari prasanta hoyi hai ye dekh kar ap jese chand logo ne sahitya ko samhal kar rakha hai.
ReplyDeleteapke liye
sat sat abhinandan
अतिसुंदर ॰॰॰
ReplyDeleteshrii gitaa ....se prapt vyvhaarik gyaan ko
aapne bataayaa
svyam anubhav karke
bahut khub .....mahoday
kishor
kabiletarif, tau jee meri taraf se mangal kamna....
ReplyDeleteअच्छा ब्लॉग बनाया हैं....
ReplyDeleteभगवान का चित्रण..... अद्भुत.....और रोंगटे खड़े करने वाला हैं....!!!
ReplyDeleteभगवान को कौन प्रिय है ?
ReplyDeletebahoot achi taraha se sachi baat kahi he aap ne.. sundar rachna sir..
anand ki anubhuti huee padhakar .... gita ki gaharaee me jakar aapne jo amritpan kraya hai usake liye aapke prati jitana abhar prakat kiya jaye kam hoga .... shubhkamanayen.....
ReplyDeleteअति निर्मल और सार्थक सन्देश.....
ReplyDeleteआत्म-तुष्टि हुई आपके ब्लॉग पर आकार.....
आभार आपका...
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चार पल की जिंदगी है, प्रेम की गाथा पुरानी,
मन मेरे तू गाये जाना, लिखना नयी कहानी
शुभ-कामनाएं...
सादर
गीता
भगवद गीता तो मैंने पढ़ा नहीं, लेकिन जो प्रिय हैं भगवान को उनका बहुत हू सुन्दर चित्रण किया है आपने..
ReplyDeleteआपका ब्लॉग अच्छा लगा सर...
जय श्री कृष्ण...आपका लेखन वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं....नव वर्ष आपके व आपके परिवार जनों, शुभ चिंतकों तथा मित्रों के जीवन को प्रगति पथ पर सफलता का सौपान करायें .....मेरी कविताओ पर टिप्पणी के लिए आपका आभार ...आगे भी इसी प्रकार प्रोत्साहित करते रहिएगा ..!!
ReplyDeleteबहुत शानदार ब्लाग है, पढ़कर आत्म संतुष्टी हुई। शुभकामनायें॰॰॰ हरीश वर्मा रायपुर (छ॰ग॰)
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