Thursday, December 8, 2011

BHAGWAN KA AISHWARYA

पाराशर मुनि के अनुसार जो निम्न छः ऐश्वर्यों से युक्त है वह भगवान है : -


१.   संपूर्ण शक्ति
२.   संपूर्ण धन
३.   संपूर्ण ज्ञान
४.   संपूर्ण सोंदर्य
५.   संपूर्ण यश एवं 
६.   संपूर्ण त्याग 

Wednesday, October 27, 2010

भगवान को कौन प्रिय है

भगवत गीता अदभुत ग्रंथ है जिसे जितने बार भी पढ़ो सदैव नवीनता का अहसास ही होता है । मन में उठ रहे हर प्रश्न का उत्तर इसमें समाहित पाया है । मैंने कई बार कई दृष्टिकोण से इसे पढ़ा हर बार उस दिशा में उठ रहे सवालों का जवाब बड़ी संजीदगी से पाया है । आज जब गीता पढ़ते हुए मैं यह सोच रहा था की आखिर "भगवान को कौन प्रिय है"  मैंने जो पाया वो आप सभी के चिंतन के लिये प्रस्तुत है ॰॰॰॰॰॰

भगवान को कौन प्रिय है

द्वेषभाव रहित
स्वार्थ रहित
दयालू
अहंकार से रहित
सुख-दुख में सम
क्षमावान
निरंतर संतुष्ट
मन, इंद्रियों, शरीर पर नियंत्रण
दृढ़ निश्चयी
मन बुद्धि भगवान में अर्पण करने वाला
किसी को तनाव ना देने वाला
किसी से तनाव ना लेने वाला
हर्ष, भय जलन और उद्वेग से रहित
आकांक्षा से रहित
बाहर भीतर से शुद्ध
चतुर
पक्षपात रहित
त्यागी
हर्ष, द्वेष, शोक कामना से रहित
शुभ अशुभ कर्मों का त्यागी
भक्ति युक्त
शत्रु-मित्र, मान अपमान में सम
सर्दी-गर्मी और सुख दुख में सम
आसक्ति रहित
निंदा व स्तुति को समान समझने वाला
मननशील
किसी भी प्रकार शरीर के निर्वाह में संतुष्ट
रहने के स्थान में आसक्ति रहित
स्थिर बुद्धि इत्यादी ॰॰॰॰॰

बृजमोहन बिस्सा 27-10-2010